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‘परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्’ का उद्घोष भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का कारण बना : मुख्यमंत्री

पूज्य साधु-संतों का सम्मान किया

मुख्यमंत्री ने जनपद मथुरा में 5,252वें श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर 645 करोड़ रु0
की 118 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया

पूज्य साधु-संतों का सम्मान किया

‘परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्’ का उद्घोष
भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का कारण बना : मुख्यमंत्री

भगवान श्रीकृष्ण ने ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन’
के माध्यम से निष्काम कर्म की प्रेरणा प्रदान की

हम सभी भारत के 5000 वर्ष प्राचीन इतिहास के साक्षी बन रहे,
देश-दुनिया से आये श्रद्धालु भक्तिभाव से भगवान श्रीकृष्ण का दर्शन कर रहे

प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से भारत स्वयं को दुनिया में अपनी आध्यात्मिक
विरासत और विकास के बेहतरीन संगम के रूप में स्थापित कर रहा

भारत की आध्यात्मिक विरासत पर पूरी दुनिया शोध के लिए उतावली दिखाई दे रही

डबल इंजन सरकार भारत की गौरवशाली विरासत के
संरक्षण के लिए प्राण-पण से जुटकर लगातार कार्य कर रही

मथुरा-वृन्दावन के साथ-साथ समग्र तीर्थां के विकास, श्रद्धालुआें की सुविधा और
सुरक्षा को सर्वाच्च प्राथमिकता देते हुए एक बड़ी कार्ययोजना पर मंथन चल रहा

प्रदेश सरकार ब्रज क्षेत्र के समग्र विकास के लिए
30 हजार करोड़ रु0 की नई कार्ययोजना ला रही

जिन कार्यां को लोग असम्भव बताते थे, उन्हें राज्य सरकार ने सम्भव करके दिखाया

उ0प्र0 स्वयं को देश के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केन्द्र
तथा भारत की आत्मा के रूप में प्रस्तुत करता

लखनऊ : 16 अगस्त, 2025

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेशवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ‘परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्’ का उद्घोष भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का कारण बना। दुनिया में कुरूक्षेत्र एक मात्र ऐसा क्षेत्र था, जहां युद्ध होने के साथ-साथ धर्म का उपदेश भी दिया जा रहा था। भगवान श्रीकृष्ण ने ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन’ के माध्यम से निष्काम कर्म की प्रेरणा प्रदान की। जब तक प्रत्येक भारतवासी इस प्रेरणा से मार्गदर्शन प्राप्त करता रहेगा, तब तक दुनिया का कोई भी देश भारत का बाल-बांका नहीं कर पाएगा। भारत को आगे बढ़ने से दुनिया की कोई भी ताकत नहीं रोक पाएगी।
मुख्यमंत्री जी आज जनपद मथुरा में 5,252वें श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर श्रीकृष्ण जन्म एवं लीला भूमि मथुरा-वृन्दावन के सर्वांगीण विकास को समर्पित 645 करोड़ रुपये लागत की 118 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास करने के पश्चात इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पूज्य साधु-संतों का सम्मान तथा बच्चों का अन्नप्राशन किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम सभी भारत के 5000 वर्ष प्राचीन इतिहास के साक्षी बन रहे है। देश-दुनिया से आये श्रद्धालु भक्तिभाव से भगवान श्रीकृष्ण का दर्शन कर रहे है। दुनिया में अन्यत्र ऐसे भक्तिभाव का मिलना दुर्लभ है। उन्हें विगत कई वर्षों से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भक्तों की सुविधा और सुरक्षा का अवलोकन और जन्मभूमि पर भगवान श्रीकृष्ण का दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। रंगोत्सव पर बरसाना में राधारानी के दर्शन का भी अवसर प्राप्त होता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कल हमारे देश ने अपनी आजादी के 78 वर्ष पूर्ण किये। लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देशवासियों के समक्ष कुछ नये संकल्प रखे थे। आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में भी उन्होंने देशवासियों से कहा था कि जब देश अपनी स्वतंत्रता का शताब्दी महोत्सव मना रहा होगा, तो हमें कैसा भारत चाहिए। उस भारत के निर्माण की जिम्मेदारी सरकार के साथ-साथ समाज की भी है। जब समाज आगे होगा और सरकार उसके पीछे होगी, तो बुलेट ट्रेन की स्पीड से विकास होगा। हमें विकास को उसी दिशा में आगे बढ़ाना है। वर्ष 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य तय किया गया है। प्रधानमंत्री जी ने कल अलग-अलग संकल्पों के माध्यम से आगामी कार्यक्रमों की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से भारत स्वयं को दुनिया में अपनी आध्यात्मिक विरासत और विकास के बेहतरीन संगम के रूप में स्थापित कर रहा है। भारत की आध्यात्मिक विरासत पर पूरी दुनिया शोध के लिए उतावली दिखाई दे रही है। विश्व मानवता को संकट के दौर से उबारने के लिए भारत की आध्यात्मिक विरासत का सहारा लेकर स्थायी शांति व सौहार्द की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है। इस आध्यात्मिक विरासत को आगे बढ़ाने का सौभाग्य हम सभी को प्राप्त हो रहा है। जनप्रतिनिधियों से मिले प्रस्तावों के अनुसार आज 645 करोड़ रुपये की लागत की योजनाएं इस पूरे क्षेत्र को समर्पित की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम सभी को भारत की गौरवशाली विरासत पर गर्व करने का अधिकार है। इस विरासत के संरक्षण के लिए हम सभी को मिलकर कार्य करना होगा। हमारे पूर्वजों ने विपरीत परिस्थितियों में इसका संरक्षण किया। डबल इंजन सरकार भारत की गौरवशाली विरासत के संरक्षण के लिए प्राण-पण से जुटकर लगातार कार्य कर रही है। विरासत के संरक्षण के साथ-साथ आधुनिकतापूर्ण विकास भी आवश्यक है। जनता-जनार्दन को आधुनिक विकास उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा व्यवस्था बनायी गयी है। मथुरा-वृन्दावन के साथ-साथ समग्र तीर्थां के विकास, श्रद्धालुआें की सुविधा और सुरक्षा को सर्वाच्च प्राथमिकता देते हुए एक बड़ी कार्ययोजना पर मंथन चल रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ब्रज क्षेत्र के समग्र विकास के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की नई कार्ययोजना को ला रही है। ब्रज क्षेत्र द्वापर की स्मृतियों को पुनः ताजा करेगा। हमारे पूज्य संतों ने जिस ब्रज क्षेत्र में अपना पूरा जीवन श्रीकृष्ण व श्रीराधा की भक्ति तथा इन पावन तीर्थां के संरक्षण के लिए समर्पित कर दिया, उनकी भावनाओं का सम्मान करने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिन कार्यां को लोग असम्भव बताते थे, उन्हें राज्य सरकार ने सम्भव करके दिखाया है। क्या कोई पहले सोचता था कि काशी में इतना भव्य काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर बन जाएगा। आज से 10 वर्ष पूर्व 50 श्रद्धालु भी एक साथ बाबा विश्वनाथ के दर्शन नहीं कर पाते थे। आज वहां एक साथ 50 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर सकते हैं। महाकुम्भ के दौरान तथा इस श्रावण मास में 08 से 10 लाख श्रद्धालुआें ने वहां प्रतिदिन दर्शन किये हैं। क्या पहले किसी ने कल्पना की थी कि अयोध्या में इतना विकास हो पाएगा। अयोध्या धाम में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मन्दिर का निर्माण हो चुका है। प्रभु श्रीरामलला उसमें फिर से विराजमान हो गये हैं। अयोध्या त्रेता युग का स्मरण करा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि माँ विन्ध्यवासिनी धाम के भव्य कॉरिडोर का निर्माण हो चुका है। आज से 10 वर्ष पूर्व लोग कहते थे कि गंगा जी का जल आचमन व स्नान योग्य नहीं है। प्रधानमंत्री जी के विजन तथा मार्गदर्शन में ‘नमामि गंगे’ परियोजना के माध्यम से गंगा जी अब अविरल और निर्मल हो चुकी हैं। जैसे नमामि गंगे परियोजना के सार्थक परिणाम प्राप्त हुए है, अब गंगा जी में डॉल्फिन तथा अन्य जलीय जीव दिखायी देते हैं, वैसे ही यमुना जी की अविरलता और निर्मलता की एक नई कार्ययोजना बनाकर डबल इंजन सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेगी। प्रयागराज महाकुम्भ-2025 में लगभग 67 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर महाकुम्भ की सफलता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2019 में प्रयागराज कुम्भ के उपरान्त वृन्दावन धाम में हम सभी वैष्णव कुम्भ के आयोजन से जुड़े थे। वह अत्यन्त पावन आयोजन था। क्या कोई सोचता था कि बरसाना में रोपवे का निर्माण होगा। अब यहां सफलतापूर्वक रोपवे का संचालन किया जा रहा है। जनप्रतिनिधिगण यहां के विकास के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधान सभा तथा विधान परिषद में उत्तर प्रदेश विजन डॉक्यूमेन्ट पर आधारित लगातार 26-27 घण्टे तक चर्चा की गयी। उत्तर प्रदेश स्वयं को देश के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केन्द्र तथा भारत की आत्मा के रूप में प्रस्तुत करता है। हमारे पास समृद्ध आध्यात्मिक विरासत है। हमें आध्यात्मिक विरासत के संरक्षण तथा आधुनिक विकास के कार्यक्रमों के साथ जुड़ना होगा। आज यहां विकास की अनेक योजनाएं जनता को समर्पित की गयी हैं। यहां विभिन्न मार्गां का लोकार्पण हो रहा है। पांचजन्य जैसे प्रेक्षागृह में कथा, भजन-कीर्तन, श्रीकृष्ण लीला मंचन आदि कार्यक्रमों का भक्तिमय व आनन्दमय वातावरण में आयोजन किया जा सकेगा।
कार्यक्रम में श्री गोवर्धन पर्वत की महिमा पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम को चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संदीप सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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