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मुख्यमंत्री ने विधान सभा को सम्बोधित किया

12 प्रमुख सेक्टरों में विजन डॉक्युमेण्ट को तैयार किया जाएगा

मुख्यमंत्री ने विधान सभा को सम्बोधित किया

उ0प्र0 विधान सभा में विकसित भारत, विकसित
उ0प्र0-2047 विजन डॉक्युमेण्ट पर अनवरत 24 घण्टे चर्चा

इस विजन डॉक्युमेण्ट में विकसित भारत विकसित उ0प्र0, आत्मनिर्भर भारत,
आत्मनिर्भर उ0प्र0 और 03 थीम-अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति, जीवन शक्ति : मुख्यमंत्री

12 प्रमुख सेक्टरों में विजन डॉक्युमेण्ट को तैयार किया जाएगा

सी0एम0 पोषण मिशन शुरू किया जाएगा

डबल इंजन सरकार कपिलवस्तु में हेलीकॉप्टर की सुविधा उपलब्ध कराने जा रही

प्रदेश सरकार प्रत्येक क्लाइमेटिक जोन में एक सेण्टर ऑफ एक्सीलेन्स विकसित करने जा रही

प्रदेश सरकार किसी भी विद्यालय को बंद नहीं करने जा रही,
बच्चों के लिए इण्टीग्रेटेड कैम्पस बनने चाहिए

राज्य सरकार हवाई जहाज की मेण्टेनेन्स रिपेयरिंग और ओवरहॉलिंग
के लिए एम0आर0ओ0 के निर्माण की कारवाई जेवर के पास करने जा रही

देश की जी0डी0पी0 में उ0प्र0 का योगदान 08 प्रतिशत से बढ़कर 9.5 प्रतिशत

प्रदेश का एक्सपोर्ट 84 हजार करोड़ रु0 से बढकर
1.86 लाख करोड़ रु0, डिजिटल लेन-देन 1400 करोड़ रु0

वर्ष 2017 से अब तक 16,316 करोड़ रु0 का एफ0डी0आई0 उ0प्र0 को प्राप्त हुआ

राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 में 09 लाख 24 हजार करोड़ रु0 औद्योगिक ऋण उपलब्ध कराया

प्रदेश का सी0डी0 रेशियो 44 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 62 प्रतिशत

प्रदेश की कृषि विकास दर 14 प्रतिशत से अधिक, राष्ट्रीय
खाद्यान्न उत्पादन में प्रदेश का योगदान लगभग 21 प्रतिशत

वर्ष 2017 से अब तक 31 सिंचाई परियोजनाएं पूर्ण,
23 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा

गन्ना किसानों को 2.86 लाख करोड़ रु0 का गन्ना मूल्य का भुगतान

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत 02 करोड़ 86 लाख किसानों को
90 हजार करोड़ रु0 डी0बी0टी0 के माध्यम से उनके बैंक खाते में अन्तरित

आज प्रदेश में 07 एक्सप्रेस-वे संचालित, 05 निर्माणाधीन
और 10 एक्सप्रेस-वे पर सर्वे का कार्य किया जा रहा

राज्य सरकार ने साढ़े आठ लाख लोगों को सरकारी नौकरी प्रदान की

उ0प्र0 पुलिस बल में 02 लाख 19 हजार कार्मिकों की भर्ती की गयी

वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में बेरोजगारी दर 19 प्रतिशत थी,
जो आज घटकर मात्र 03 प्रतिशत रह गई

मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान से अब तक 70 हजार युवा लाभान्वित

अब तक 7,191 ग्राम पंचायतें पूरी तरह टी0बी0 मुक्त

वाराणसी और विन्ध्य क्षेत्र को लेकर रीजनल इकोनॉमिक डेवलपमेण्ट प्लान अंतिम चरणों में

राज्य स्तर पर साइबर मुख्यालय बनाया जाएगा

लखनऊ : 14 अगस्त, 2025
मुख्यमंत्री जी ने आज यहां विधान सभा में कहा कि देश की सबसे बड़ी आबादी के राज्य उत्तर प्रदेश के विजन डॉक्यूमेण्ट पर पिछले 24 घण्टे से अधिक समय से अनवरत चर्चा चल रही है। यह चर्चा उन लोगों की आंखों को खोलना वाली है, जो विधायिका के आचरण पर सवाल उठाते हैं। उत्तर प्रदेश केवल देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य ही नहीं, बल्कि देश की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करने वाला राज्य व देश की ऊर्जा का केन्द्र बिन्दु भी है। यह राज्य प्राचीन काल से भारत की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक चेतना को नेतृत्व प्रदान करता रहा है। वर्ष 2023 में यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा था कि उत्तर प्रदेश एक आशा व उम्मीद का केन्द्र बन चुका है। भारत यदि दुनिया का ब्राइट स्पॉट है, तो उत्तर प्रदेश भारत की ग्रोथ को ड्राईव करने वाला है। उत्तर प्रदेश ने इस दौरान अपने व्यापक कार्ययोजना को लेकर कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आजादी के अमृत काल में देश की स्वतंत्रता के 78 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। प्रदेश आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में देश की भावनाओं के साथ जुड़ा था। उस समय प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों के सामने कुछ संकल्प रखे थे। उन संकल्पों में एक महत्वपूर्ण संकल्प वर्ष 2047 तक विकसित भारत के रूप में देश को स्थापित करना था। विकसित भारत तभी बनेगा, जब सभी राज्य अपनी-अपनी भूमिका का निर्वहन करेंगे। इसी भूमिका का निर्वहन करने की दिशा में पिछले 24 घण्टे से अधिक समय से इस सदन में चर्चा का होना विकसित भारत की संकल्पनाओं को आगे बढ़ाने का विजन है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि चर्चा में समस्त सदस्यों ने रूचि ली। कुछ सदस्यों ने रात भर जाग कर इस चर्चा को गम्भीरता प्रदान की और देश का ध्यान आकर्षित किया। उत्तर प्रदेश विकसित हो, प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय बढ़े, देश की खुशहाली में उत्तर प्रदेश का हिस्सा हो, इस दृष्टि से पूरे कार्यक्रम को दो भाग में बांटने का प्रयास किया गया है। वर्ष 1947 से वर्ष 2017 तक हमने 70 वर्षों में क्या किया और वर्ष 2017 से वर्ष 2047 तक की यात्रा में हमने क्या खोया क्या पाया, इसका आत्म अवलोकन करने का यह सबसे उचित समय है। प्रधानमंत्री जी ने विजन डॉक्युमेण्ट को देश के सामने प्रस्तुत किया था। उसी विजन डॉक्यूमेण्ट से प्रेरित होकर उत्तर प्रदेश इस प्रारम्भिक चर्चाओं को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है। प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में बिना भेदभाव प्रत्येक योजनाओं का लाभ पहुंचना चाहिए। समावेशी व समग्र विकास की अवधारणा ही विकसित उत्तर प्रदेश व विकसित भारत की संकल्पना को साकार कर सकती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 के बाद डबल इंजन सरकार ने प्रदेश में कानून का राज स्थापित किया। उत्तर प्रदेश में अपराध व अपराधी के प्रति जीरो टॉलरेन्स, उद्योगों के लिए सुरक्षित वातावरण और निवेशकों के लिए ड्रीम डेस्टीनेशन के अलावा जल, थल, नभ की बेहतरीन कनेक्टिविटी, एक्सप्रेस-वे, एयरपोर्ट व मेट्रो से जोड़ने का कार्य किया गया। किसानों के खातों में सीधे सहायता, युवाओं के हाथों में कौशल व रोजगार, सरकारी नौकरी व लाभार्थीपरक योजनाओं का क्रियान्वयन बिना भेदभाव व बिना तुष्टीकरण के किया गया। प्रधानमंत्री जी का मन्त्र ‘‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास‘‘ प्रदेश की दशा व दिशा को बदलने में एक निर्णायक भूमिका का निर्वहन कर रहा है। उत्तर प्रदेश की पहचान सुशासन, गुड गवर्नेन्स, बेहतर कानून-व्यवस्था, शान्ति व स्थिरता के लिए है। अब यहां इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ सरकारी सोच व अप्रोच में एक सार्थक बदलाव आया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक रूप से वर्ष 1960 में 10वें स्थान पर तथा उसके बाद वर्ष 2014 तक 11वें स्थान पर थी। वर्ष 2014 में श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उनके विजन के अनुरूप यात्रा आगे बढ़ी तो वर्ष 2017 में भारत दुनिया की 7वीं सबसे बड़ी तथा वर्ष 2024 में 05वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। वर्ष 2025 में भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हुआ है। विजन के माध्यम से भारत ने दुनिया में 11वीं अर्थव्यवस्था से चौथी अर्थव्यवस्था की यात्रा तय की और अपनी शक्ति व सामर्थ्य का परिचय दुनिया को करा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 1990 के दशक में निवेशक हतोत्साहित थे। ऐतिहासिक नगर, उपजाऊ भूमि, नदियां और श्रम बल होने के बावजूद प्रदेश की आर्थिक रफ्तार बहुत धीमी थी। आजादी के बाद से वर्ष 2017 तक प्रदेश की जी0डी0पी0 में लगातार गिरावट जारी रही। वर्ष 2017 में प्रदेश की जी0एस0डी0पी0 13 लाख करोड़ रुपये थी, वर्तमान वित्तीय वर्ष के अन्त तक बढ़कर 35 लाख करोड़ रुपये पहुंचने जा रही है। देश की जी0डी0पी0 में उत्तर प्रदेश का योगदान 08 प्रतिशत से बढ़कर 9.5 प्रतिशत हो गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपार सम्भावनाएं हैं। हमारा एक्सपोर्ट 84 हजार करोड़ रुपये से बढकर 1.86 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है। इस वर्ष 8.08 हजार करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया है। केन्द्रीय करों पर निर्भरता 56 प्रतिशत से घटकर 46 प्रतिशत रह गयी है। राज्य की हिस्सेदारी भी प्रत्येक क्षेत्रों में आगे बढ़ी है। नीति आयोग के फिजिकल हेल्थ इन्डेक्स में 8.9 अंकों का सुधार हुआ है। प्रदेश को लगातार फ्रण्ट रनर स्टेट का दर्जा हासिल हुआ है। पिछले 05 वर्षों में उत्तर प्रदेश अब बीमारू नहीं, बल्कि रेवेन्यू सरप्लस स्टेट व डिजिटल स्टेट के रूप में अपने आप को स्थापित कर रहा है। वर्ष 2017-18 में डिजिटल लेन-देन 122 करोड़ रुपये का था, आज यह बढ़कर 1400 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अलग-अलग सेक्टर में विभिन्न कार्य हुए हैं। वर्ष 1947 से 2017 तक हमारे किसानों ने कठिन परिस्थितियों में पसीना बहाकर अन्न उपजाया, किन्तु उत्पादकता की रफ्तार सीमित रही। किसानों को फसल की लागत ज्यादा पड़ती थी। गेहूं, चावल, दलहन इन सभी फसलों में हमारा राष्ट्रीय योगदान बहुत कम था। सिंचाई परियोजनाओं की रफ्तार बहुत धीमी थी। सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना वर्ष 1971 में बनी थी। उस समय इस परियोजना की लागत 100 करोड़ रुपये थी। जब परियोजना ईमानदारीपूर्वक समय से पूर्ण नहीं होती है, तो कार्य अधूरे रह जाते हैं। प्रधानमंत्री जी के विजन से डबल इंजन सरकार ने वर्ष 2021 में सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना को पूरा किया। परियोजना से 14 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा प्राप्त हुई।
अर्जुन सहायक, बाण सागर जैसी परियोजनाएं पिछली सरकारों के विज़न के अभाव के कारण अधूरी पड़ी हुई थीं। वर्ष 2017 से अब तक 31 सिंचाई परियोजनाएं पूर्ण हुई हैं, जिनके माध्यम से 23 लाख हेक्टेयर लैण्ड को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हुई है। सिंचाई की क्षमता बढ़ाई गई है। 15 लाख से अधिक निजी नलकूप लगाने वाले अन्नदाता किसानों को निःशुल्क बिजली उपलब्ध करायी जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रकृति और परमात्मा की असीम कृपा का प्रदेश है, जो अनन्त सम्भावनाओं से युक्त है। उत्तर प्रदेश में उर्वरा भूमि, पर्याप्त सिंचाई सुविधा, कृषि कार्य में तकनीक का समावेश, खाद की पर्याप्त उपलब्धता है। वर्ष 2014 से पूर्व पशुपालन, डेयरी और मत्स्य के क्षेत्र में योजनाबद्ध निवेश का अभाव था। कृषि आधारित उद्योग सीमित क्षमता से चल रहे थे। वर्ष 2017 के बाद विगत आठ वर्षों के समन्वित प्रयासों से प्रदेश की कृषि विकास दर 14 प्रतिशत से अधिक है, जो राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश की कृषि विकास दर सिंगल डिजिट में थी।
राष्ट्रीय खाद्यान्न उत्पादन में प्रदेश का योगदान आज बढ़कर लगभग 21 प्रतिशत हो गया है। वर्ष 2024-25 में प्रदेश में 414.39 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन हुआ, जो देश के कुल गेहूं उत्पादन का 35 प्रतिशत है। इस प्रकार गेहूं उत्पादन में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। गेहूं की उत्पादकता 40 कुन्टल प्रति हेक्टेयर हो चुकी है। वर्ष 2024-2025 में प्रदेश में कुल 219 लाख मीट्रिक टन धान का उत्पादन हुआ है, जो देश के धान उत्पादन का 14.7 प्रतिशत है। उत्तर प्रदेश ने दलहन एवं तिलहन उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हासिल की है। प्रदेश में तिलहन उत्पादन 29.2 लाख मीट्रिक टन है, जो देश का 07 प्रतिशत है। वर्ष 2016-2017 में यह योगदान मात्र 3.3 प्रतिशत था। तिलहन उत्पादकता में 08 वर्षों में 46.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्रदेश में दलहन उत्पादन 35.6 लाख मीट्रिक टन है, जो देश का कुल 14.1 प्रतिशत है। वर्ष 2016-2017 में यह योगदान मात्र 9.1 प्रतिशत था। विगत 08 वर्षों में दलहन उत्पादन में 46 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में 2453.5 लाख मीट्रिक टन गन्ना का उत्पादन हुआ है, जो राष्ट्रीय योगदान की दृष्टि से 55 प्रतिशत है। गन्ना उत्पादन में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। राज्य में वर्तमान में 120 चीनी मिलें चल रही हैं, जिनमें 105 चीनी मिलें ऐसी हैं, जो एक सप्ताह के अंदर गन्ना मूल्य का भुगतान कर रही हैं। शेष 15 चीनी मिलें, जिनके भुगतान में विलम्ब है, सरकार उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही कर रही है। जो चीनी मिल समय पर भुगतान नहीं करेगी, उसके गन्ना क्षेत्र में उतनी ही कटौती करके भुगतान करने वालों को हम गन्ना उपलब्ध कराएंगे।
वर्ष 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को 2.86 लाख करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान डी0बी0टी0 के माध्यम से किया गया है। यह वर्ष 1996 से वर्ष 2017 में किए गए गन्ना मूल्य के भुगतान की तुलना में 72 हजार करोड़ रुपये से अधिक है। प्रदेश में 03 नई चीनी मिलों की स्थापना की गयी है तथा 06 चीनी मिलें पुनः संचालित की गयी हैं। 38 चीनी मिलों की क्षमता में विस्तार हुआ है। इसके माध्यम से 01 लाख 25 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार प्राप्त हुआ है। वर्ष 2016-2017 में प्रदेश में एथेनॉल उत्पादन केवल 42 करोड़ लीटर था, जो आज बढ़कर 177 करोड़ लीटर हो गया है। उत्तर प्रदेश एथेनॉल उत्पादन में आज देश में नम्बर एक पर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश का देश के आलू उत्पादन में 40.7 प्रतिशत का शेयर है। केला उत्पादन में 18.8 प्रतिशत, सब्जी उत्पादन में 19.3 प्रतिशत तथा अन्य औद्यानिक फसलों में 16.3 प्रतिशत का योगदान है। उत्तर प्रदेश राज्य औद्यानिक निर्यात प्रोत्साहन बोर्ड का गठन किया जा चुका है। वर्ष 2017 से पूर्व विभिन्न खाद्यान्न उत्पादों को बिचौलियों के माध्यम से खरीदने का कार्य किया जाता था। आज खाद्यान्नों की खरीद किसानों से सीधे की जाती है तथा किसानों को पैसा डी0बी0टी0 के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में जाता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दुग्ध उत्पादन के साथ ही पशु नस्ल सुधार के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश एक लैण्ड लॉक्ड स्टेट है और लैण्ड लॉक्ड स्टेट के बावजूद उत्तर प्रदेश ने देश में मत्स्य उत्पादन में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया है। विगत 08 वर्षां में मत्स्य उत्पादन में दुगने से अधिक की वृद्धि प्राप्त करने में सफलता प्राप्त हुई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत 02 करोड़ 86 लाख किसानों को 90 हजार करोड़ रुपये डी0बी0टी0 के माध्यम से उनके बैंक खाते में अन्तरित किये गये हैं। लघु और सीमांत किसानों को पी0एम0 कुसुम योजना के अंतर्गत 01 लाख से अधिक सोलर पैनल दिए गए हैं। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी के नाम पर लखनऊ में सीड पार्क बनाने की कार्यवाही प्रारम्भ हुई है। 7,727 निराश्रित गौ-आश्रय स्थलों में आज 16 लाख 35 हजार गौवंश संरक्षित हैं। मुख्यमंत्री गौवंश सहभागिता योजना के माध्यम से 2,46,426 गौवंश पशुपालकों को दिये गये हैं। राज्य सरकार पशुपालकों को 1500 रुपये प्रति माह उपलब्ध करवा रही है।
डबल इंजन सरकार आध्यात्मिक विरासतों और प्रतीकों का सम्मान करने के साथ अत्याधुनिक विकास को तेजी से आगे बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री जी ने श्री श्याम नारायण पाण्डेय की पंक्तियों को उद्धृत करते हुए कहा कि यूपी की विरासत हर व्यक्ति नहीं पा सकता है, इस पर हर व्यक्ति नहीं बैठ सकता है। ये महाकाल का आसन है, इस पर न किसी का शासन है। नित सिसक रहा कमलासन है, यह सिंहासन सिंहासन है। यह सम्मानित अधिराजों से अर्चित है राजसमाजों से, इसके पदरज पोछे जाते धूपों के सिर के ताजों से। इसकी रक्षा के लिए भी कुर्बानी पर कुर्बानी है, राणा इसकी रक्षा करें सिंहासन स्वाभिमानी है। उन्होंने कहा कि काशी, अयोध्या, मां विन्ध्यवासिनी धाम, चित्रकूट, मथुरा-वृंदावन जैसे स्थल हमारे विरासत के प्रतीक हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में 09 एग्रो क्लाइमेटिक जोन और 89 कृषि विज्ञान केन्द्र हैं। प्रदेश सरकार प्रत्येक क्लाइमेटिक जोन में एक सेण्टर ऑफ एक्सीलेन्स विकसित करने जा रही है। इस पर कार्य तेजी से कार्य किया जा रहा है। जनपद कुशीनगर में महात्मा बुद्ध के नाम पर कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य आगे बढ़ चुका है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 1947 से 2017 तक प्रदेश में अधूरा नेटवर्क और ठहरा निवेश था। राज्य में डेढ़ एक्सप्रेस-वे थे। नेशनल हाईवे की लम्बाई 12,000 किमी0 से कम थी। मात्र 02 एयरपोर्ट ही क्रियाशील थे। कनेक्टिविटी के विस्तार की कोई नीति नहीं थी। वर्ष 2017 से 2025 के बीच प्रदेश में जल, थल व नभ की बेहतरीन कनेक्टिविटी आज सबके सामने है। प्रदेश सरकार 22 एक्सप्रेस-वे पर काम कर रही है। आज प्रदेश में 07 एक्सप्रेस-वे संचालित हैं, 05 निर्माणाधीन हैं और 10 एक्सप्रेस-वे पर सर्वे का कार्य किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश आज एक्सप्रेस-वे के सबसे बड़े नेटवर्क के रूप में अपने आप को स्थापित कर रहा है। मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है, जो देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे है। डबल इंजन सरकार ने मेरठ को दिल्ली से 12-लेन एक्सप्रेस-वे के साथ जोड़ा है, जिससे 04 घण्टे की दूरी मात्र 45 मिनट में पूरी की जा रही है। देश की पहली रैपिड रेल दिल्ली से मेरठ के बीच शुरू हो चुकी है। प्रदेश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मेरठ में मेजर ध्यानचंद के नाम पर बनाई जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज देश का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क उत्तर प्रदेश के पास है। जनपद गौतमबुद्धनगर स्थित दादरी में ईस्टर्न एवं वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का जंक्शन और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब है। यहां लॉजिस्टिक पार्क की स्थापना की जा रही है। वर्तमान में प्रदेश में 16 एयरपोर्ट्स संचालित हैं, जिनमें 04 इण्टरनेशनल एयरपोर्ट्स हैं। देश का सबसे बड़ा और प्रदेश का 05वां इण्टरनेशनल एयरपोर्ट जेवर में निर्माणाधीन है, जो इस वर्ष के अन्त तक क्रियाशील हो जाएगा। हवाई जहाज की मेण्टेनेन्स रिपेयरिंग और ओवरहॉलिंग के लिए एम0आर0ओ0 के निर्माण की कारवाई भी हम लोग जेवर के पास करने जा रहे हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार न केवल हमारी लॉजिस्टिक की लागत को कम करता है बल्कि निवेश और रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश की कानून-व्यवस्था की स्थिति बदहाल थी। राज्य में निवेश के अनुकूल वातावरण नहीं था तथा पॉलिसी और पॉलिटिकल विल पावर की कमी थी। अदूरदर्शी निर्णयों के कारण सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों में तालाबंदी जैसी स्थितियां थीं। प्रदेश में व्यक्ति और पूंजी सुरक्षित नहीं थी। पारम्परिक हस्तशिल्प और उद्योग के लिए कोई प्रोत्साहन नहीं था, जबकि उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम का एक क्लस्टर रहा है। प्रदेश में वर्ष 1947 से 2017 तक कुल 14,169 कारखाने रजिस्टर्ड थे और विगत 08 वर्षों में 27,295 कारखाने राज्य में रजिस्टर्ड हुए हैं। प्रदेश सरकार ने 45 लाख करोड़ रुपये के निवेश को आमंत्रित किया है, अर्थात एम0ओ0यू0 हुए हैं, जिनमें से 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारा जा चुका है। इसके माध्यम से 60 लाख युवाओं को प्रदेश में रोजगार मिला है। हमारे लगभग 03 से 05 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव पाइपलाइन में हैं। प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने 33 सेक्टोरियल पॉलिसीज बनाई हैं।
प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश के परम्परागत उद्यम को प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा प्रोडक्ट को टेक्नोलॉजी, डिजाइन, पैकेजिंग, मार्केटिंग व एक्सपोर्ट के साथ जोड़ा जा रहा है। जी0आई0 टैग में उत्तर प्रदेश देश में नम्बर एक पर है। प्रदेश के 77 प्रोडक्ट्स को जी0आई0 टैग प्राप्त हो चुका है। जी0आई0 टैग के माध्यम से हमारे उत्पाद देश और दुनिया में अपनी एक नई पहचान बना रहे हैं।
प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों से ‘वोकल फॉर लोकल’ का आह्वान किया है। हम स्वदेशी उत्पादों को अपनाएं और बढ़ावा दें, ताकि हमारे हस्तशिल्पियों व कारीगरों की मेहनत का सम्मान हो और वह आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें। पी0एम0 विश्वकर्मा योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के माध्यम से हस्तशिल्पियों व कारीगरों को ट्रेनिंग के साथ टूलकिट उपलब्ध कराकर उन्हें स्वावलम्बन के पथ पर अग्रसर किया जा रहा है। यह योजनाएं उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन का आधार बनी हैं। एम0एस0एम0ई क्षेत्र ने विगत 08 वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हासिल हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 में 03 लाख 54 हजार करोड़ रुपये का औद्योगिक ऋण उपलब्ध करवाया गया था, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 09 लाख 24 हजार करोड़ रुपये हो चुका है। वर्ष 2016-17 में प्रदेश का सी0डी0 रेशियो 44 प्रतिशत था, जो आज बढ़कर लगभग 62 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। राज्य सरकार ने निवेश को बढ़ावा देने के लिए सिंगल विण्डो सिस्टम की व्यवस्था की है। आगामी 25 से 29 सितम्बर के मध्य ग्रेटर नोएडा में विगत 03 वर्षों से यू0पी0 इण्टरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में किसी की जाति, धर्म, सम्प्रदाय को देखे बगैर प्रदेश के प्रोडक्ट्स को स्थान प्रदान किया जाता है। इस ट्रेड शो में दुनिया के 500 से अधिक बायर्स आते हैं। बायर्स-सेलर्स मीट में प्रदेश के उत्पादों की खरीददारी की जाती है और ऑर्डर दिए जाते हैं। अब तक 02 हजार 200 करोड़ रुपये का ऑर्डर यहां के उद्यमियों को प्राप्त हुआ है। एफ0बी0आई0 फॉर्च्यून ग्लोबल 500, फॉर्च्यून इण्डिया 500 कम्पनियों के लिए भी राज्य सरकार ने एक पॉलिसी बनायी है। एफ0डी0आई0 के मामले में वर्ष 2000 से 2017 तक केवल 3,303 करोड़ रुपये का एफ0डी0आई0 उत्तर प्रदेश में आया था। वर्ष 2017 से अब तक 16,316 करोड़ रुपये का एफ0डी0आई0 उत्तर प्रदेश को प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 तक प्रदेश में कुल ऊर्जा उत्पादन 12 हजार मेगावॉट था। वर्ष 2012 से 2017 के मध्य उत्तर प्रदेश में 06 हजार मेगावॉट की बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ी थी, लेकिन वर्ष 2017 से अब तक 08 हजार मेगावॉट अतिरिक्त बिजली उत्पादन में वृद्धि हुई है। वर्ष 2016-2017 में विद्युत खपत की उच्चतम सीमा 16 हजार मेगावॉट तक पहुंचती थी, जो आज 33 हजार मेगावॉट तक है। आज पावर कॉर्पोरेशन दोगुने से अधिक की पावर सप्लाई कर रहा है। अब तक 01 लाख 21 हजार मजरों में अतिरिक्त विद्युतीकरण का कार्य सम्पन्न किया गया है। इस दौरान 01 करोड़ 86 लाख परिवारों को निःशुल्क बिजली कनेक्शन उपलब्ध करवाए गए हैं। विगत 08 वर्षों में 765 के0वी0ए0 के 03, 400 के0वी0ए0 के 21, 220 के0वी0ए0 के 72 और 132 के0वी0ए0 के 99 सब स्टेशन स्थापित हुए हैं। प्रदेश में समान रूप से विद्युत की आपूर्ति की जा रही है, जिसमें जिला मुख्यालयों में 24 घण्टे, तहसील मुख्यालयों में 20 से 22 घण्टे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 18 से 20 घण्टे की आपूर्ति की जा रही है। आज उत्तर प्रदेश अपने अन्नदाता किसानों को सर्वाधिक बिजली देने वाले राज्यों में है। इससे किसानों की लागत कम हुई है और उत्पादकता बढ़ी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद और उससे सम्बन्धित कुल 01 लाख 56 हजार विद्यालय हैं। वर्ष 2017 से पूर्व विद्यालयों की स्थिति अत्यन्त जर्जर थी। शिक्षक-छात्र का रेशियो ठीक नहीं था। ड्रॉप आउट रेट अधिक थी। राज्य सरकार ने ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से 01 लाख 36 हजार विद्यालयों को विभिन्न सुविधाओं से संतृप्त करने का कार्य किया। आज इन विद्यालयों में बालक-बालिकाओं के लिए अलग शौचालय, अच्छी फ्लोरिंग, पेयजल, विद्युत की व्यवस्था, डिजिटल लाइब्रेरी, स्मार्ट क्लास, खेल के मैदान जैसी विभिन्न सुविधाएं देखी जा सकती हैं। हमने बच्चों के लिए 02 यूनीफॉर्म, स्टेशनरी, बैग, बुक्स, शूज, सॉक्स, स्वेटर उपलब्ध कराए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार किसी भी विद्यालय को बंद नहीं करने जा रही है। बच्चों के लिए इण्टीग्रेटेड कैम्पस बनने चाहिए। जहां भी प्री-प्राइमरी से लेकर सीनियर सेकेण्ड्री लेवल तक की स्कूली शिक्षा प्राप्त कर सकें। हमने शिक्षा के विभिन्न मॉडल दिए हैं, जिनमें अटल आवासीय विद्यालय, मुख्यमंत्री अभ्युदय विद्यालय, पी0एम0 श्री विद्यालय, मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालय प्रमुख हैं। अटल आवासीय विद्यालयों में श्रमिकों के बच्चे, निराश्रित बच्चे गुणवत्तापूर्ण आधुनिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। कस्तूरबा गांधी बालिया विद्यालयों में कक्षा 8 वीं तक ही गरीब परिवारों की बेटियां पढ़ती थीं, जिसे कक्षा 12 तक अपग्रेड करने का कार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 22 छात्रों पर एक शिक्षक की उपस्थिति अनिवार्य होगी। शेष जगह यदि खाली होती हैं तो हम शिक्षा आयोग के माध्यम से नई भर्ती करवाएंगे। देश के अन्य राज्यों में स्कूल पेयरिंग की गयी है। मानक के अनुरूप जो स्कूल पेयरिंग का पार्ट बन रहे हैं, उन्हें पेयरिंग का पार्ट बनाने के साथ ही शेष जो बचते हैं, उन्हें प्री-प्राइमरी के रूप में संचालित किया जाएगा। इनमें बाल वाटिका चलेंगी। यहां हम नर्सरी, एल0के0जी0, यू0के0जी0 और फर्स्ट में बच्चों को प्रवेश की सुविधा देंगे। इन बच्चों को यूनीफॉर्म दी जाएगी और इनके लिए हम एक नई स्कीम लेकर आ रहे हैं। बच्चों में खून व अन्य पोषक तत्वों की कमी और कुपोषण को दूर करने के लिए 100 करोड़ रुपये के स्पेशल पैकेज से सी0एम0 पोषण मिशन शुरू किया जाएगा। आंगनवाड़ी केन्द्रों, बाल वाटिकाओं, प्री-प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को हम इस योजना के अन्तर्गत गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराएंगे।
प्रदेश सरकार बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। विगत 08 वर्षों में उत्तर प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र में आए सकारात्मक परिवर्तनों को नीति आयोग, देश और दुनिया की शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी विभिन्न एजेंसियां स्वीकार कर रही हैं। पूर्व की सरकारों के दौर में नकल को बढ़ावा दिया गया। युवाओं के सामने पहचान का संकट खड़ा किया गया। आज प्रदेश में नकलमुक्त परीक्षाएं सम्पन्न की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रोजेक्ट अलंकार के अन्तर्गत 75 वर्ष पुराने माध्यमिक शिक्षा से जुड़े विद्यालयों के भवनों को बेहतर करने व अन्य सुविधाओं से युक्त करने के लिए राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। निजी विद्यालयों को 75 प्रतिशत धनराशि सरकार उपलब्ध कराएगी। शेष 25 प्रतिशत धनराशि की व्यवस्था विद्यालय प्रबन्धन करेगा। जिन प्रबन्धकों के पास धनराशि उपलब्ध नहीं है, वे एम0पी0, एम0एल0ए0 फण्ड, सी0एस0आर0 की धनराशि का उपयोग कर सकते हैं। इन व्यवस्थाओं के तहत आज माध्यमिक शिक्षा से जुड़े विद्यालयों का पुनरुद्धार किया जा रहा है। साथ ही, विद्यालयों में पुस्तकालय, प्रयोगशालाएं, मल्टी परपज हॉल, पेयजल, शौचालय इत्यादि की व्यवस्थाएं भी की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार टाटा टेक्नोलॉजी लि0 के साथ मिलकर 150 राजकीय आई0टी0आई0 को न्यू एज टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, रोबोटिक टेक्नोलॉजी, स्पेस टेक्नोलॉजी, ड्रोन टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ने का कार्य कर रही है। वर्तमान में 62 अतिरिक्त राजकीय आई0टी0आई0 को हम लोग इसके साथ जोड़ रहे हैं। 400 राजकीय और 3000 निजी आई0टी0आई0 को हब एण्ड स्पोक मॉडल पर आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश में 71 नये राजकीय कॉलेज बने हैं। प्रदेश में 24 राज्य विश्वविद्यालय, 49 निजी विश्वविद्यालय संचालित हैं तथा प्रत्येक मण्डल में 01 विश्वविद्यालय की स्थापना की जा चुकी है। एन0आई0आर0एफ0 में प्रदेश के 67 संस्थानों को रैंकिंग प्राप्त हुई है। स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तीकरण योजना के अन्तर्गत प्रदेश में अब तक 50 लाख से अधिक युवाओं को निःशुल्क टैबलेट और स्मार्ट फोन वितरित किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले विभिन्न भर्तियों में अनियमितता, पक्षपात और पारदर्शिता की कमी थी। श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी बहुत कम थी। स्वरोजगार, स्टार्टअप और एम0एस0एम0ई0 ईको सिस्टम का अभाव था। वर्ष 2017 से 2025 के मध्य विभिन्न आयोगों और भर्ती बोर्डों के माध्यम से प्रदेश सरकार साढ़े आठ लाख लोगों को सरकारी नौकरी प्रदान कर चुकी है। इनमें 01 लाख 75 हजार महिलाएं सम्मिलित हैं। वर्ष 2017 के पहले महिला श्रम बल 13.5 प्रतिशत था, जो आज बढ़कर 35 प्रतिशत हो गया है। राज्य में 40,000 बी0सी0 सखी कार्यरत हैं। गांव की बेटी व बहू उसी गांव में लोगों को बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध करा रही हैं। ग्राम सचिवालय के माध्यम से उन्हें जोड़ा गया है।
हाल ही में सम्पन्न हुई 60,244 पुलिस कार्मिकों की भर्ती में हर जनपद, हर विधान सभा क्षेत्र से युवा हैं। वर्ष 2017 से पूर्व उत्तर प्रदेश में पुलिस ट्रेनिंग की क्षमता मात्र 3,000 थी। आज हम 60 हजार पुलिस कार्मिकों की ट्रेनिंग एक साथ करवा रहे हैं। वर्तमान में पुलिस इन्फ्रास्ट्रक्चर में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। सभी जनपदों में एक-एक साइबर क्राइम थाना सक्रिय हो चुका है। प्रदेश के सभी 1,547 पुलिस थानों में एक-एक साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की जा चुकी है। राज्य सरकार साइबर मुख्यालय बनाने की कार्यवाही करने जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में बेरोजगारी दर 19 प्रतिशत थी जो आज घटकर मात्र 03 प्रतिशत रह गई है। प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के अन्तर्गत प्रदेश के युवाओं की बिना भेदभाव के स्क्रीनिंग करते हुए उन्हें ट्रेनिंग कराकर अपना उद्यम स्थापित करने के लिए प्रथम चरण में 05 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण गारण्टी के साथ उपलब्ध करा रही है। साथ ही, 10 प्रतिशत मार्जिन मनी भी सरकार दे रही है। इस योजना के अन्तर्गत युवा द्वारा शेष मूलधन समय से जमा करने पर उसे दूसरे चरण में 7.5 लाख रुपये तथा तीसरे चरण में 10 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाएगा। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान से अब तक 70 हजार युवा लाभान्वित हो चुके हैं। प्रदेश में 7,200 स्टार्टअप और 50 इनक्यूबेटर्स सक्रिय हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने एक लम्बी छलांग लगायी है। विगत 08 वर्षां में प्रदेश में 40 नये मेडिकल कॉलेज बनने से इनकी कुल संख्या 80 से अधिक हो गयी है। प्रदेश में गोरखपुर व रायबरेली में एम्स क्रियाशील हैं। प्रदेश के 27 से 28 जनपद इंसेफेलाइटिस से प्रभावित थे। आज इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों पर 99 प्रतिशत नियंत्रण पा लिया गया है। संस्थागत प्रसव 67.8 प्रतिशत से बढ़कर 96.10 प्रतिशत हो गया है। मातृ मृत्यु दर 200 से घटकर 141 आ गयी है। टीकाकरण की दर 99.1 प्रतिशत हो गयी है। टी0बी0 उन्मूलन की दिशा में अच्छा कार्य किया गया है। अब तक 7,191 ग्राम पंचायतें पूरी तरह टी0बी0 मुक्त हो चुकी हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से वर्ष 2025 के बीच प्रदेश में 117 नये नगर निकाय बनाए गए हैं। 123 नगर निकायों का विस्तार किया गया है। 17 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष के बजट में राज्य सरकार ने तय किया है कि हर जिला मुख्यालय से जुड़े नगर निकाय को स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। लखनऊ से जुड़े 07 जनपदों को स्टेट कैपिटल रीजन के रूप में विकसित किया जा रहा है। वाराणसी और विन्ध्य क्षेत्र को लेकर रीजनल इकोनॉमिक डेवलपमेण्ट प्लान अंतिम चरणों में है। अमृत 1.0 के अन्तर्गत भारत सरकार के सहयोग से 10,273 करोड़ रुपये की 328 परियोजनाओं को लागू किया गया था, जिसमें 09 लाख 21 हजार जल कनेक्शन, 08 लाख 77 हजार सीवर कनेक्शन उपलब्ध कराए गए तथा 423 एकड़ हरित क्षेत्र बढ़ाया गया था। वहीं अमृत 2.0 के अन्तर्गत 15,629 करोड़ रुपये की लागत से 539 परियोजनाओं के माध्यम से 43 लाख जल कनेक्शन, 05 लाख सीवर कनेक्शन प्रस्तावित किए गए हैं। इन पर कार्य गतिमान है। प्रदेश में ओ0डी0एफ0 के लक्ष्य को प्राप्त किया जा चुका है। आकांक्षी नगर योजना और मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के अन्तर्गत बेहतरीन कार्य किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से 2025 के मध्य 56 लाख 80 हजार परिवारों को एक-एक पक्का मकान उपलब्ध कराया गया है। मनरेगा के अन्तर्गत 235 करोड़ मानव दिवस का सृजन किया गया है। 2,510 उचित मूल्य की दुकानें एस0एच0जी0 के माध्यम से संचालित हैं। ग्रामीण क्षेत्र में 135 विकासखण्ड मुख्यालयों को 02 लेन की सड़कों से जोड़ा गया है। 10,385 कि0मी0 की सड़कें निर्मित की गयी हैं। ग्रामीण क्षेत्र में 25,000 कि0मी0 की एक बेहतरीन कनेक्टिविटी स्थापित की गयी है। ग्राम पंचायतों में अमृत सरोवर के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा रहा है। गांवों में आपदा मित्र तैनात किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डबल इंजन सरकार के नियोजित प्रयासों से प्रदेश के 06 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ चुके हैं। प्रदेश सरकार जीरो पॉवर्टी अभियान के एक बड़े कार्यक्रम को आगे बढ़ाने जा रही है। प्रदेश में 01 करोड़ 06 लाख परिवारों को प्रदेश सरकार सालाना 12 हजार रुपये की विभिन्न पेंशन सुविधाओं का लाभ प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के माध्यम से 04 लाख 77 हजार बेटियों की शादी करायी गयी है। इस योजना की अनुदान राशि को 51 हजार रुपये से बढ़ाकर 01 लाख रुपये कर दिया गया है। प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को निःशुल्क खाद्यान्न की सुविधा प्रदान की जा रही है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत 01 करोड़ 86 लाख परिवारों को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन के साथ होली और दीपावली के अवसर पर मुफ्त रसोई गैस सिलेण्डर रिफिल कराने की सुविधा प्रदान की जा रही है। अन्नपूर्णा भवन गांव के स्वावलम्बन और आत्मनिर्भर होने की दिशा में एक नया प्रयास है। प्रदेश के 09 करोड़ 52 लाख परिवार जनधन एकाउण्ट धारक हुए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश में केवल 21 करोड़ पर्यटक आए थे। वर्ष 2024 में यह संख्या बढ़कर 66 करोड़ 90 लाख हो चुकी है। आज उत्तर प्रदेश की राष्ट्रीय पर्यटन में हिस्सेदारी 13.1 प्रतिशत से बढ़कर 19 प्रतिशत से अधिक हो गयी है। वर्ष 2025 में प्रयागराज में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु व पर्यटक महाकुम्भ का हिस्सा बने। श्री काशी विश्वनाथ धाम, श्री अयोध्या धाम, ब्रज तीर्थ विकास परिषद, माँ विन्ध्यवासिनी धाम सहित विभिन्न तीर्थ स्थलों का पुनरुद्धार हो रहा है। डबल इंजन सरकार कपिलवस्तु में हेलीकॉप्टर की सुविधा उपलब्ध कराने जा रही है।
प्रदेश में ईको टूरिज्म सेक्टर को बढ़ाने के लिए बेहतरीन कार्य किए जा रहे हैं। दुनिया के जो भी देश आगे बढ़े हैं, वे अपनी विरासत का संरक्षण और उस पर गौरव की अनुभूति करके ही आगे बढ़े हैं। अपनी विरासत के उत्थान के लिए हम सभी को प्राण-प्रण से जुड़ना चाहिए। आधुनिकता यह नहीं कि हम अपनी विरासत को भूल जाएं। भारत की विरासत की उच्च आध्यात्मिक विरासत से जुड़े हमारी पवित्र स्थल आध्यात्मिक जिज्ञासा के साथ-साथ आर्थिकी को भी आगे बढ़ाते हैं। प्रदेश में विकसित किए जा रहे पर्यटन स्थल समग्र समाज के विकास की आधारशिला हैं। राज्य सरकार उत्तर प्रदेश की बेहतरीन विरासत के संरक्षण के इस अभियान को आगे बढ़ा रही है। हमारे संस्कार ‘अयं निजःपरोवेति गणना लघुचेतसाम्, उदारचरितानां तु वसुधैवकुटुम्बकम्’ के हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था भयमुक्त निवेश और सुरक्षित समाज की पहचान बन गयी है। प्रदेश की सुदृढ़ कानून-व्यवस्था पूरे देश में एक मॉडल बनकर उभरी है। उत्तर प्रदेश पुलिस बल में 02 लाख 19 हजार कार्मिकों की भर्ती की गयी। 01 लाख 53 हजार पुलिस कार्मिकों के प्रमोशन सम्पन्न हुए। 03 नई महिला पी0ए0सी0 बटालियन का गठन हुआ। ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत 01 लाख 04 हजार 718 अभियुक्तों को दोष सिद्ध कराकर 70 को मृत्यु दण्ड, 8,785 को आजीवन कारावास, 1,383 को 20 वर्ष की सजा, 5,303 को 10 से 19 वर्ष की सजा, 80,944 को 05 वर्ष तक की सजा करवायी है। गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत 144 अरब रुपये की सम्पत्ति का जब्तीकरण किया गया। डकैती में 94 प्रतिशत, लूट में 82 प्रतिशत, हत्या में 47 प्रतिशत, फिरौती हेतु अपहरण की घटना में 50 प्रतिशत, दहेज हत्या में 16 प्रतिशत और बलात्कार की घटनाओं में 50 प्रतिशत की कमी आयी है। वर्ष 2017 में प्रदेश में 04 फॉरेंसिक लैब थीं, जिनकी संख्या आज बढ़कर 12 हो गयी हैं और 06 निर्माणाधीन हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश आज बीमारू राज्य नहीं, बल्कि भारत का ग्रोथ इंजन बनने की ओर अग्रसर है। ‘विकसित भारत विकसित उत्तर प्रदेश-2047’ विजन डॉक्यूमेण्ट में सम्मानित जनप्रतिनिधियों व लोगों की राय विशेषज्ञों, नीति आयोग से विचार-विमर्श कर इस विजन डॉक्यूमेण्ट को तैयार किया जाएगा। उत्तर प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने और 15 प्रतिशत औसत विकास दर सुनिश्चित करने के लिए एक दिशा में प्रयास करने होंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिए वर्ष 2047 में उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत आय से कम हो या उसके बराबर हो। यह प्रति व्यक्ति आय 24 लाख रुपये प्रतिवर्ष हो। इस विजन के माध्यम से प्रदेश सरकार का प्रयास है कि उत्तर प्रदेश को आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक शक्ति के अग्रदूत के रूप में स्थापित हो। हमारा मिशन समग्र विकास का है। उत्तर प्रदेश अत्याधुनिक विकास और आध्यात्मिक विरासत का एक बेहतरीन संगम हो तथा सांस्कृतिक धरोहर के पुनर्जागरण का केन्द्र बिन्दु बने। इस विजन डॉक्यूमेण्ट में विकसित भारत विकसित उत्तर प्रदेश, आत्मनिर्भर भारत, आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश और 03 थीम-अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति, जीवन शक्ति हैं। 12 प्रमुख सेक्टरों में विजन डॉक्यूमेण्ट को तैयार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के 5टी के मंत्र को समाहित करते हुए ट्रेड, टूरिज्म, टेक्नोलॉजी, ट्रेडिशन और टैलेण्ट को जोड़ते हुए हम प्रदेश के 12 सेक्टर्स को अर्थशक्ति के रूप बढ़ाते हुए समावेशी विकास को आगे बढ़ाएं। हमें अल्पकालिक, दीर्घकालिक व मध्यमकालिक रणनीति अपनाकर आगे बढ़ना होगा। प्रदेश के निर्यात को बढ़ाना होगा। सेमी कण्डक्टर जैसे उभरते क्षेत्र में हमें अपनी अग्रणी भूमिका निभानी होगी। डिजिटल प्रदेश के रूप में लखनऊ और कानपुर में अत्याधुनिक ए0आई0 सिटी के निर्माण के साथ उसके इनोवेशन व रिसर्च के एक वैश्विक केन्द्र के रूप में स्थापित करना होगा। लखनऊ और नोएडा को भारत के शीर्ष डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करते हुए कम से कम 10 स्टार्टअप को यूनिकॉर्न का दर्जा दिलाना होगा। प्रत्येक मण्डल में एक इन्क्यूबेटर स्थापित कर ग्रास रूट इनोवेशन को गति देनी होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रमुख महानगरों में, स्मार्ट सिटी में लाइट मेट्रो ईको फ्रेण्डली पब्लिक ट्रांसपोर्ट प्रणाली विकसित करनी होगी। प्रदेश में विश्वस्तरीय 05 अन्तर्राष्ट्रीय स्मार्ट शहर डेवलप करने होंगे। जेवर एयरपोर्ट पर अत्याधुनिक एम0आर0ओ0 केन्द्र स्थापित करते हुए विश्वस्तरीय विमानन ईको सिस्टम का निर्माण करना होगा। हर मण्डल में एक एयरपोर्ट का निर्माण हो। फॉरेस्ट कवर को अगले पांच वर्षों में हमें कम से कम 13 से 14 प्रतिशत तक पहुंचाना होगा। बाबा साहब डॉ0 भीम राव आम्बेडकर के सिद्धान्तों पर बढ़ते हुए हर नागरिक के लिए क्वालिटी एजुकेशन, हेल्थ व आर्थिक रूप से समान अवसर उपलब्ध कराने होंगे। महिला श्रम बल की भागीदारी को 50 प्रतिशत तक बढ़ाना होगा। हमारा प्रयास होगा कि अगले 05 वर्षों में प्रदेश की आधी आबादी को स्वास्थ्य बीमा कवर की सुविधा उपलब्ध हो।
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