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इण्टरनेशनल इण्टरफेथ कान्फ्रेन्स का दूसरा दिन शिक्षा का मूल उद्देश्य ही विश्व एकता है – श्री स्वतन्त्र देव सिंह, कैबिनेट मंत्री, जल शक्ति, उ.प्र.

राजाजीपुरम द्वितीय कैम्पस के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय ‘इण्टरनेशनल इण्टरफेथ कान्फ्रेन्स’ के दूसरे दिन का उद्घाटन आज

इण्टरनेशनल इण्टरफेथ कान्फ्रेन्स का दूसरा दिन
शिक्षा का मूल उद्देश्य ही विश्व एकता है
— श्री स्वतन्त्र देव सिंह, कैबिनेट मंत्री, जल शक्ति, उ.प्र.
लखनऊ, 12 अगस्त। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, राजाजीपुरम द्वितीय कैम्पस के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय ‘इण्टरनेशनल इण्टरफेथ कान्फ्रेन्स’ के दूसरे दिन का उद्घाटन आज मुख्य अतिथि श्री स्वतन्त्र देव सिंह, कैबिनेट मंत्री, जल शक्ति, उ.प्र. ने सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री स्वतन्त्र देव सिंह ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ ज्ञान अर्जन ही नहीं अपितु विश्व एकता है और इसी प्रकार धर्म का उद्देश्य सामाजिक समरसता, प्रेम व शान्ति है। उन्होंने भावी पीढ़ी का आह्वान किया कि धर्म के मर्म को समझकर एकता व शान्ति की भावना से राष्ट्रनिर्माण में योगदान दें। विदित हो कि इस अन्तर्राष्ट्रीय धार्मिक समन्वय सम्मेलन में इजिप्ट, अमेरिका, लेबनान, ब्राजील एवं भारत के विभिन्न प्रान्तों से पधारे विद्वजन प्रतिभाग कर रहे हैं। सम्मेलन के दूसरे दिन आज विभिन्न धर्मों के अनुयाइयों, विचारकों, दार्शनिकों, धर्माचार्यों व शिक्षाविद्ों की एक मंच पर उपस्थिति ने सर्वधर्म समभाव का अनूठा आलोक बिखेरा। सम्मेलन का शुभारम्भ स्कूल प्रार्थना एवं सर्वधर्म प्रार्थना एवं वंदे मातरम की सुमधुर प्रस्तुतियों से हुआ।
सम्मेलन के अन्तर्गत दूसरे दिन की परिचर्चा का शुभारम्भ पैनल डिस्कशन से हुआ, जिसका संचालन श्री मुज्तबा अली खान ने किया। इस परिचर्चा में भाग लेते हुए सी.एम.एस. प्रबन्धक प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने कहा कि धर्म हमें पूर्वाग्रहों से मुक्त होने के लिए प्रेरित करता है। न्यायमूर्ति डा. आदिल ओमर शरीफ़, डेप्युटी चीफ जस्टिस, सुप्रीम कन्स्टीटूयशनल कोर्ट आॅफ इजिप्ट, ने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलन धार्मिक अज्ञानता को मिटाकर मानवता को सही राह दिखाते हैं। लेबनान से पधारी डा. सैली हम्मूद का कहना था कि धर्म को सही तरीके से न समझ पाने से ही गलतफहमी उत्पन्न होती है।
इसी प्रकार, एक अन्य पैनल डिस्कशन में विद्वजनों ने ‘रिलीजन एज ए फोर्स फाॅर यूनिटी अर्थात विश्व एकता में धर्म की भूमिका’ विषय पर चर्चा-परिचर्चा करते हुए इस बात पर विचार किया कि आज की विभाजित दुनिया में लोगों को एक साथ लाने के लिए विश्वास-आधारित मूल्यों का उपयोग कैसे किया जा सकता है। परिचर्चा में मौलाना ए आर शाहीन कासमी, जनरल सेक्रेटरी, वल्र्ड पीस आर्गनाइजेशन, नई दिल्ली, श्री परमजीत सिंह चंडोक, चेयरमैन, गुरूद्वारा श्री बांग्ला साहेब, नई दिल्ली, आचार्य श्री येशी फुनसोक, सलाहकार, भारत-तिब्बत सहयोग मंच, डा. अनिल सरवाल, बहाई अनुयायी एवं पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर, चंडीगढ़, एवं हाजी सैय्यद सलमान चिश्ती, गद्दी नशीन, दरगाह अजमेर शरीफ ने अपने सारगर्भित विचार रखे जबकि परिचर्चा का संचालन श्री रिभव मिश्रा ने किया। इसी प्रकार, ‘रिलीजन एज ए फोर्स फाॅर जेण्डर इक्वालिटी अर्थात लैंगिक समानता में धर्म की भूमिका’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में विद्वजनों ने इस बात पर विचार किया कि धार्मिक शिक्षाएं युवाओं को विचारों और कार्यों में सभी बालक-बालिकाओं के साथ समान व्यवहार हेतु कैसे प्रेरित कर सकती हैं। इस परिचर्चा में फादर सेबेस्टियन कोलीथानम, डायरेक्टर, कुष्ठ नियंत्रण एवं उन्मूलन समिति, स्वामी वीर सिंह हितकारी जी महाराज, नेशनल प्रेस सेक्रेटरी, अखिल भारतीय रविदासिया धर्म संगठन आदि विद्वजनों ने प्रतिभाग किया। इसी प्रकार, ‘रिलीजन एज ए फोर्स फाॅर क्लाइमेट एक्शन अर्थात जलवायु संरक्षण में धर्म की भूमिका’ विषय पर आयोजित पैनल डिस्कशन में आचार्य विवेक मुनि जी महाराज, फाउण्डर, आचार्य सुशील मुनि मिशन, श्री मराजबान नारीमन जायवाल, जोरास्ट्रियन पारसी कम्युनिटी आदि विद्वजनों ने विचार रखे।
सी.एम.एस. के हेड, कम्युनिकेशन्स श्री ऋषि खन्ना ने बताया कि इस सम्मेलन के अन्तर्गत विद्वजनों की परिचर्चा का दौर कल 13 अगस्त, बुधवार को भी जारी रहेगा एवं इसके उपरान्त अपरान्हः सत्र में समापन समारोह का आयोजन किया जायेगा।

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