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सीतापुर में आयोजित हुआ किसान गोष्ठी एवं हरिशंकरी वृक्षारोपण का कार्यक्रम

गोपालको को मिला गो-आधारित प्राकृतिक खेती का संदेश

कृषि विज्ञान केंद्र कटिया, जनपद सीतापुर के तत्वावधान में दिनांक 8 अगस्त 2025 को एक दिवसीय किसान गोष्ठी एवं हरिशंकरी वृक्षारोपण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इस आयोजन में प्रदृद्ध फाउंडेशन का सहयोग रहा।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के अध्यक्ष माननीय श्याम बिहारी गुप्त ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। उनके साथ उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक, प्रवृद्ध फाउंडेशन के निदेशक पी.एस. ओझा तथा क्षेत्रीय कृषि एवं पशुपालन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में सीतापुर व आसपास के गांवों से आए 50 से अधिक गोपालक व कृषकों ने भाग लिया। गोष्टी में गौ आधारित प्राकृतिक खेती, पंचगव्य उत्पादों का उपयोग, गोवंश संरक्षण तथा ग्रामीण आजीविका के सशक्तिकरण जैसे विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन प्रदान किया गया।

माननीय अध्क्ष श्याम बिहारी गुप्त जी ने इस अवसर पर ग्राम्य स्तर पर आत्मनिर्भर गौशाला मॉडल, गोबर व गौमूत्र आधारित नवाचार तथा ग्राम पंचायतों में गौ आधारित रोजगार के अवसर विषयों पर विस्तृत चर्चा की।

उन्होंने कृषकों व गोपालकों से संवाद करते हुए आह्वान किया कि गौ आधारित खेती न केवल भूमि की उर्वरता बढ़ाती है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी स्थिरता प्रदान करती है।

उन्होंने यह भी घोषणा की कि आयोग द्वारा शीघ्र ही कुछ जनपदों में पायलट आधार पर जैविक ग्राम की अवधारणा को लागू किया जाएगा, जिसमें गौशाला, कृषि, पंचगव्य उत्पाद एवं जैविक बाजार को एकीकृत रूप से विकसित किया जाएगा।

पी.एस. ओझा ने अपने संबोधन में गौ आधारित नवाचारों को गांवों में क्रियान्वित करने की आवश्यकता पर बल दिया और बताया कि कैसे वैज्ञानिक अनुसंधान और परंपरागत ज्ञान मिलकर सतत ‘कृषि की दिशा में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं।

कार्यक्रम के संचालन में कृषि विज्ञान केंद्र कटिया के वरिष् वैज्ञनिक एवं अध्यक्ष डॉं. दया शंकर श्रीवास्तव की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने न केवल आयोजन की व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित किया, बल्कि कार्यक्रम में उपस्थित सभी गोपालकों एवं कृषकों को वैज्ञानिक जानकारी भी प्रदान की। उनके सतत प्रयासों से यह कार्यक्रम एक उपयोगी संवाद और प्रेरणादायी अभियान में परिवर्तित हो सका।

कार्यक्रम के अंत में हरिशंकरी वृक्षारोपण के अंतर्त पीपल, बरगद एवं पाकड़ के पौधों का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया।

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