
मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने राज्य के किसानों के हितों में संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक की
प्रदेश में फूलों, फलों एवं शहद के लिए सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस
होंगे स्थापित
पर ब्लॉक वन क्राप कार्यक्रम हेतु सभी जिलों में किसानों के
साथ बैठके की जाए
औद्यानिक उपज के निर्यात और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्राथमिकता
लखनऊ: 24 जुलाई, 2025
उत्तर प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिनेश प्रताप सिंह ने आज उद्यान विभाग की राज्य के किसानों के हित में संचालित योजनाओं, कार्यों की समीक्षा हेतु प्रदेश के सभी जिलों तथा मण्डल के उद्यान अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की। उन्होंने औद्यानिक गतिविधियों के विस्तार एवं विभागीय योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु बजट के समुचित उपयोग एवं कृषकों तक लाभ पहुंचाने की दिशा में किये जाने वाले प्रयासों तथा राष्ट्रीय औसत के अनुसार लक्ष्य प्राप्त करने के सभी अधिकारियांे को निर्देश दिए।
उद्यान मंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा है कि उद्यानिकी क्षेत्र में नवाचार व तकनीक के बेहतर प्रयोग से किसानों की आय में वृद्धि सुनिश्चित की जाए। इसके लिए चल रही सभी योजनाओं का समयबद्ध और पारदर्शी क्रियान्वयन अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसी भी योजना में लापरवाही या विलंब स्वीकार्य नहीं होगा। बैठक में विभागीय बजट व्यय की समीक्षा करते हुए मंत्री ने कहा कि प्राप्त धनराशि का उपयोग निर्धारित अवधि में सुनिश्चित किया जाए, जिससे योजनाओं का लाभ ज़मीन स्तर तक पहुंचे।
मंत्री श्री सिंह ने बताया कि काशी, मथुरा और अयोध्या में फूलों के सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना का निर्णय लिया गया है। वहीं मिर्जापुर में स्ट्राबेरी, ड्रैगन फ्रूट और खजूर, झांसी में नींबू वर्गीय उत्पादों और रायबरेली में शहद के लिए सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस शीघ्र संचालित कराये जाएंगे। देश के वे राज्य जहाँ औषधीय पौधों, मसालों, फूलों और सब्जियों के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हुआ है, वहाँ अध्ययन भ्रमण हेतु विभाग के दो-दो अधिकारियों को भेजा जाएगा, जिससे प्रदेश में नवाचार को बढ़ावा मिले।
श्री सिंह ने लम्बित वादों में शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये। तीन माह से अधिक समय से लंबित जांचों की जवाबदेही तय करते हुए संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि विभाग की सभी पत्रावलियाँ ऑनलाइन माध्यम से संचालित की जाएं। उन्हांेने कहा कि जनपद, मण्डल व मुख्यालय स्तर पर किये गये उत्कृष्ट कार्यों को सोशल मीडिया के माध्यम से किसानों तक पहुंचाया जाए। कोल्ड स्टोर मल्टीपरपस चेम्बर जैसे बहुउपयोगी संरचनाओं के निर्माण को प्राथमिकता दी जाये ताकि किसानों की उपज का संरक्षण व विपणन सुदृढ़ हो सके।
उन्होंने कहा कि पर ब्लॉक वन क्राप कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु सभी जिलों में किसानों के साथ नियमित बैठकें की आयोजित की जाए। औद्यानिक उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने हेतु एफ०पी०ओ०, स्थानीय निर्यातकों एवं किसानों के साथ मिलकर विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाए। उन्होंने फूलों की बेहतर खेती के लिये एन०बी०आर०आई० के विशेषज्ञों से प्रशिक्षण की व्यवस्था किये जाने पर भी बल दिया। नवनिर्मित हाईटेक नर्सरियों के संचालन और निर्माणाधीन नर्सरियों के वित्तीय प्रबंधन पर विशेष चर्चा करते हुए उनके त्वरित क्रियान्वयन पर बल दिया। साथ ही शहद सहित अन्य औद्यानिक उत्पादों हेतु मंडियों में पृथक से बाज़ार विकसित किये जाएं, जिससे किसानों को बेहतर मूल्य और बाजार उपलब्ध कराया जा सके।
बैठक में अपर मुख्य सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण श्री बी0एल0 मीणा, निदेशक उद्यान श्री बी0पी0 राम, संयुक्त निदेशक श्री सर्वेश कुमार एवं श्री राजीव वर्मा सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।