जल एक अनमोल प्राकृतिक संसाधन है, जिसके बिना जीवन की कल्पना असंभव
जलशक्ति मंत्री ने भूजल सप्ताह- 2025 का किया शुभारम्भ

जलशक्ति मंत्री ने भूजल सप्ताह- 2025 का किया शुभारम्भ
आमजन को जल संरक्षण एवं भूजल प्रबंधन के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से 16 से 22 जुलाई तक भूजल सप्ताह- 2025 का किया जा रहा है आयोजन
जल एक अनमोल प्राकृतिक संसाधन है, जिसके बिना जीवन की कल्पना असंभव
जैसे-जैसे आवश्यकताएं बढ़ीं, वैसे-वैसे जल संसाधनों का अत्यधिक दोहन हुआ, जिससे प्रदेश के कई क्षेत्रों में भूजल स्तर में चिंताजनक गिरावट दर्ज की गई
कैच द रेन अभियान वर्षा जल संचयन को जन-आंदोलन में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल
-जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह
कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं, पर्यावरण प्रेमियों और समाजसेवियों के साथ सहभागिता की
जलशक्ति मंत्री ने जल संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा पर केंद्रित प्रेरणादायी प्रदर्शनी का किया अवलोकन
जन जागरूकता हेतु प्रारंभ किए गए विशेष अभियानों- ‘मिशन नीर रक्षक एवं परिवर्तन की मशाल मार्च’ को फ्लैग ऑफ किया
लखनऊ: 16 जुलाई, 2025
प्रदेश के जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि जल एक अनमोल प्राकृतिक संसाधन है, जिसके बिना जीवन की कल्पना असंभव है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे आवश्यकताएं बढ़ीं, वैसे-वैसे जल संसाधनों का अत्यधिक दोहन हुआ, जिससे प्रदेश के कई क्षेत्रों में भूजल स्तर में चिंताजनक गिरावट दर्ज की गई है। जलशक्ति मंत्री ने यह विचार आज यहां गोमती नगर स्थित मरीन ड्राइव पर ‘भूगर्भ जल विभाग, उत्तर प्रदेश’ एवं ‘क्लाइमेट पर चर्चा संस्थान’ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘भूजल सप्ताह’ के शुभारंभ के अवसर पर व्यक्त किए। कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं, पर्यावरण प्रेमियों और समाजसेवियों के साथ सहभागिता की। उन्होंने इस अवसर पर जल संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा पर केंद्रित प्रेरणादायी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। साथ ही, जन जागरूकता हेतु प्रारंभ किए गए विशेष अभियानों – ‘मिशन नीर रक्षक एवं परिवर्तन की मशाल मार्च’ को फ्लैग ऑफ किया
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेशभर में 16 जुलाई से 22 जुलाई 2025 तक भूजल सप्ताह दृ 2025 का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य आमजन को जल संरक्षण एवं भूजल प्रबंधन के प्रति जागरूक करना है। इसी क्रम में आज जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह जी की गरिमामयी उपस्थिति में भूजल सप्ताह के उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में स्कूली छात्र-छात्राओं एवं स्वयंसेवकों ने जल सुरक्षित तो कल सुरक्षित की भावना को आत्मसात करते हुए जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित किया। ‘मानव जल बूँद संरचना’ एवं ‘परिवर्तन की मशाल’ जैसी प्रभावशाली प्रस्तुतियों के माध्यम से उन्होंने समाज में सकारात्मक संदेश देने का प्रयास किया।
जलशक्ति मंत्री ने इस अवसर पर बताया कि प्रदेश में लगभग 70 प्रतिशत सिंचाई, 80 प्रतिशत पेयजल आपूर्ति और 85 प्रतिशत उद्योगों की आवश्यकताएं भूजल से ही पूरी की जाती हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में केवल 20 विकासखण्ड अतिदोहित श्रेणी में थे, जो अब बढ़कर 95 हो चुके हैं, जबकि सुरक्षित विकास खण्डों की संख्या घटकर 566 रह गई है।
स्वतंत्र देव सिंह ने भूजल संरक्षण की दिशा में सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए मिशन नीर रक्षक-1000 नल, 100 घंटे, रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग की अनिवार्यता, उत्तर प्रदेश भू-गर्भ जल (प्रबंधन एवं विनियमन) अधिनियम-2019 के क्रियान्वयन, भूजल प्रबंधन पोर्टल की स्थापना और जिला भूजल प्रबंधन परिषदों की सक्रियता जैसे नवाचारों की जानकारी दी। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा शुरू किए गए कैच द रेन अभियान की सराहना करते हुए कहा कि यह अभियान वर्षा जल संचयन को जन-आंदोलन में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
श्री सिंह ने अटल भूजल योजना के अंतर्गत बुंदेलखंड समेत 10 जनपदों के 26 विकासखण्डों में चल रही भूजल प्रबंधन परियोजना का भी उल्लेख किया, जिसमें 550 ग्राम पंचायतों में व्यापक जनसहभागिता के साथ ‘वॉटर सिक्योरिटी प्लान’ तैयार कर जल की खपत कम करने और संरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है। अपने प्रेरणादायी समापन वक्तव्य में मंत्री जी ने सभी से अपील की कि वे भूजल संरक्षण को अपनी सामूहिक जिम्मेदारी मानते हुए इसके संरक्षण व संवर्धन में भागीदार बनें। उन्होंने कार्यक्रम के अंत में सभी सहभागियों, छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, स्वयंसेवकों एवं अधिकारियों का आभार व्यक्त किया और सभी से अपील की कि वे जल संरक्षण के इस अभियान को जन-जन तक पहुंचाएं।