
*07 जुलाई 2025*
*जनप्रतिनिधि भी, जनअधिवक्ता भी : डॉ. राजेश्वर सिंह ने चांदेबाबा निवासियों को एनजीटी से दिलाई राहत*
*डॉ. राजेश्वर सिंह की पहल पर NGT का ऐतिहासिक आदेश : झील भी बचेगी, जीवन भी*
*एक अधिवक्ता, एक विधायक, एक जनसेवक : डॉ. राजेश्वर सिंह की पहल से गरीब परिवारों को मिली राहत*
*गढ़ी चनौटी में अनुसूचित जाति परिवारों को राहत, चांदेबाबा तालाब क्षेत्र में झील विकास का मार्ग प्रशस्त*
*लखनऊ:* सरोजनीनगर के लिए सोमवार का दिन एक और ऐतिहासिक न्यायिक उपलब्धि लेकर आया, जब स्थानीय जनप्रतिनिधि डॉ. राजेश्वर सिंह, केवल विधायक के रूप में नहीं बल्कि एक अधिवक्ता और जनहितैषी योद्धा के रूप में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) में पेश हुए।
डॉ. सिंह ने गढ़ी चनौटी स्थित चांदेबाबा तालाब क्षेत्र के पास रहने वाले गरीब अनुसूचित जाति परिवारों की ओर से मजबूती से पैरवी की, जिन पर विस्थापन का खतरा मंडरा रहा था। ये परिवार पिछले कई दशकों से इस भूमि पर निवास कर रहे हैं और अब NGT के एक आदेश के अंतर्गत उन्हें हटाया जा रहा था।
*NGT ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए निम्नलिखित ऐतिहासिक आदेश पारित किए:*
1. 3.1 हेक्टेयर क्षेत्र, जिसमें ये वंचित परिवार निवासरत हैं, वहां 8 अक्टूबर 2025 तक विस्थापन पर रोक लगा दी गई है, जिससे उन्हें बड़ी राहत मिली है।
2. शेष 31 हेक्टेयर तालाब क्षेत्र को एक पर्यावरणीय झील के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें चारों ओर वृक्षारोपण और हरियाली की व्यवस्था होगी।
3. NGT के निर्देश पर सरकार एक व्यापक विकास योजना प्रस्तुत करेगी, जिसमें झील संरक्षण और हरियाली दोनों शामिल होंगे।
4. झील में वर्षभर जल संरक्षण सुनिश्चित करने हेतु उसे छोटी नहरों से जोड़ने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।
डॉ. राजेश्वर सिंह ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा, “यह केवल कानूनी विजय नहीं, यह सामाजिक और पर्यावरणीय न्याय का मिलाजुला उदाहरण है। मैं माननीय NGT और सरकार का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने न्याय की भावना को धरातल पर साकार किया।”