
पंचायतीराज मंत्री श्री ओमप्रकाश राजभर ने की विभागीय योजनाओं की गहन समीक्षा
ग्राम पंचायतों में सक्रियता, स्वच्छता एवं पारदर्शिता को बनाया जाना सर्वाेच्च प्राथमिकता
– ओमप्रकाश राजभर
सतत विकास हेतु प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन और गोबरधन
योजना को बल
-मा0 मंत्री
लखनऊ: 05 जुलाई, 2025
उत्तर प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री श्री ओमप्रकाश राजभर ने आज पंचायतीराज निदेशालय, अलीगंज लखनऊ में विभागीय योजनाओं, बजट और विकास कार्यों की जनपदीय एवम मंडलीय अधिकारियों के साथ गहन समीक्षा बैठक की। इस अवसर पर उन्होंने राज्य के समग्र ग्रामीण विकास की दिशा में पंचायतीराज विभाग की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन, वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता तथा जनसामान्य की भागीदारी सुनिश्चित करने के स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संज्ञान में आया है कि ग्राम पंचायत भवनों में ताले लगे होने की शिकायत मिली है, जो कि अत्यन्त गंभीर है। भविष्य में ऐसी स्थिति को कदापि स्वीकार नहीं किया जाएगा। पंचायत भवनों को जनसंपर्क और जनसेवा का केंद्र बनाते हुए उन्हें सर्वसुलभ तथा क्रियाशील रखा जाए। इसी क्रम में पंचायत सहायकों के अवकाश की सूचना पंचायत भवनों के नोटिस बोर्ड पर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित किए जाने और पंचायत उत्सव भवनों की रंगाई-पुताई में एकरूपता बनाए रखने के निर्देश दिए गए, ताकि पंचायत परिसरों में एक अनुशासित, स्वच्छ और सौंदर्यपरक वातावरण विकसित हो सके।
बैठक में पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए राज्यव्यापी वृक्षारोपण अभियान के संचालन पर विशेष बल दिया गया। मंत्री जी ने कहा कि वृक्षारोपण केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि ग्राम्य जीवन की स्थिरता, हरियाली और जलवायु सन्तुलन का आधार है। साथ ही उन्होंने विभागीय बजट, ओएसआर (स्ववित्तीय संसाधनों) तथा पंचायतीराज पोर्टल्स की समीक्षा करते हुए वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और डिजिटल प्रक्रियाओं को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता बताई।
बैठक में परफॉर्मेंस ग्रांट के अंतर्गत कराए गए कार्यों की समीक्षा कर उनकी गुणवत्ता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए। वित्तीय लेन-देन के संदर्भ में एसएनए-‘स्पर्श’ पोर्टल पर समस्त जिलों से अद्यतन विवरण की समयबद्ध फीडिंग सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए, ताकि किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियमितता या देरी की संभावना समाप्त की जा सके।
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की भावना को सशक्त करने हेतु सामुदायिक शौचालयों की स्वच्छता, क्रियान्वयन एवं संचालन की नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। मंत्री जी ने स्वयं सहायता समूहों एवं केयरटेकरों द्वारा संचालित शौचालयों के समुचित भुगतान को प्राथमिकता देने के निर्देश देते हुए कहा कि ग्राम पंचायतों की साख और स्वच्छता व्यवस्था तभी सुदृढ़ हो सकती है जब सभी व्यवस्थाएं स्थानीय स्तर पर आत्मनिर्भरता से संचालित हों।
बैठक में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए इसे पंचायत स्तर पर जनजागरूकता के माध्यम से आंदोलनात्मक स्वरूप देने की आवश्यकता पर बल दिया गया। इसके अतिरिक्त गोबरधन योजना तथा कान्हा गौशालाओं के गोबर के वैज्ञानिक एवं व्यावसायिक उपयोग हेतु बायोगैस प्लांट, जैविक खाद एवं वर्मी कम्पोस्ट निर्माण की योजनाओं को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए। मंत्री जी ने यह स्पष्ट किया कि इन योजनाओं से न केवल पर्यावरणीय संरक्षण को बल मिलेगा, बल्कि ग्राम पंचायतों को आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि उत्पादित खाद/कम्पोस्ट की बिक्री से प्राप्त आय को संबंधित पंचायत के खातों में नियमित रूप से जमा कराया जाए और उसका उपयोग ग्राम विकास कार्यों में पारदर्शी रूप से किया जाए।
प्रमुख सचिव पंचायतीराज श्री अनिल कुमार ने सभी जिला पंचायतीराज अधिकारियों को निर्देशित किया कि विभागीय योजनाओं की डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) समयबद्ध रूप से तैयार कर जिला पंचायतों को प्रेषित की जाए। जिन परियोजनाओं में भूमि विवाद बाधक बन रहे हैं, उनका तत्काल निराकरण कर कार्य आरम्भ हेतु आवश्यक प्रस्ताव शीघ्र प्रस्तुत किए जाए।
निदेशक पंचायती राज श्री अमित कुमार सिंह के द्वारा यह आश्वस्त किया गया है कि मा. मंत्री जी का जो भी निर्देश प्राप्त हुआ है उसका अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।
इस अवसर पर विशेष सचिव पंचायती राज श्री राजेश त्यागी, संयुक्त निदेशक पंचायती राज श्री एस0एन0 सिंह, उप निदेशक पंचायती राजगण एवं समस्त जिला पंचायत राज अधिकारीगण उपस्थित रहे।