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हम बस दोस्त नहीं

दोस्त दोस्ती की मिसाल है तू,

दोस्त दोस्ती की मिसाल है तू,
मेरे हर जवाब का सवाल है तू,
तेरी दोस्ती से सुन्दर जिन्दगी मेरी ,
मेरे जैसा ही दोस्त कमाल है तू।

हृदय- तल में तुम्हारा नेह,
लुटाता मुझपर सारा स्नेह,
पक्कमपक्की है दोस्ती अपनी,
बरसता मुझपर बनकर मेह।

दुख में मुझे चुटकला सुनाकर हँसाये ,
गर मैं ना हंसी तो जबरदस्त गुदगुदाये ,
लोटपोट हो जाती उसकी हरकतों पर,
बिना कारण ही हर दुखड़ा रोकर सुनाये।

कहता है लंगोटिया यार हैं हम,
सुख-दुख के अगरचे दिलदार हैं हम,
असंख्य आवाजों में पहचान जाता है,
सिर्फ दोस्त नहीं,दो तन एक मन हैं हम….।
सूखे अधरों की मधुर मुसकान हैं हम।।

रचना मौलिक,स्वरचित,सर्वाधिकार सुरक्षित है।

प्रतिभा पाण्डेय ‘प्रति’,
चेन्नई

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